मोदी सरकार का चौथा आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मध्य वर्ग को आय कर के मामले में थोड़ी राहत दी है. अब ढाई से पांच लाख की आय पर पांच प्रतिशत का टैक्स लगेगा और तीन लाख तक की आय पर मौजूदा कर प्रावधानों के तहत कोई कर नहीं देना पड़ेगा
वित्त मंत्री ने राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने को लेकर भी अहम घोषणाएं कीं.
जेटली की अहम घोषणाएं.
नौकरीपेशा लोगों पर सबसे अधिक दबाव है जो सबसे ईमानदारी से टैक्स देता है.
व्यक्तिगत टैक्स 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा. पहले यह 10 प्रतिशत था.
50 लाख से एक करोड़ कमाने वालों को 10 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा.
तीन लाख की आय पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा.
कैश में तीन लाख से ज़्यादा के लेन-देन की अनुमति नहीं होगी.
2015-16 में 3.7 करोड़ लोगों ने टैक्स फाइल की थी और इनमें से केवल 24 लाख लोगों ने अपनी आय 10 लाख से ज़्यादा बताई थी.
राजनीति चंदा संबंधी घोषणा
अब कोई राजनीतिक पार्टी किसी एक स्रोत से नक़द 2000 रुपए से ज़्यादा चंदा नहीं ले पाएगी. पहले इसकी सीमा 20 हज़ार रुपए थी
रिज़र्व बैंक चुनाव बॉन्ड जारी कर सकता है जिसे डिजिटल पेमेंट या चेक से ख़रीदा जा सकता है. इसे रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टी को चंदे में दिया जा सकता है.
20 हज़ार से ज़्यादा के चंदे का हिसाब देना होगा.
चेक और डिजिटल पेमेंट के ज़रिए राजनीतिक दल ज्यादा चंदा ले सकते हैं.
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