ब्युरो रिपोर्ट कवरेज इण्डिया
एक ओर जहां नोटबंदी और बढ़ती महंगाई के बावजूद उत्तर प्रदेश के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का वोट बैंक काफी मजबूत हुआ है तो वहीं अन्य दलों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अपनी साख बचाने की होड़ में परस्पर आगे पीछे हैं, तो वहीं कांग्रेस की खाट सभा भी मतदाताओं को नहीं रिझा पाई।बता दें कि "कवरेज इंडिया" ने अपने ऑनलाइन न्यूज़ चैनल पर विधानसभा चुनावों को लेकर एक सर्वे किया था जिसमें यह खुलासा हुआ कि तीसरे और चौथे पायदान पर रहने वाली भाजपा का ग्राफ सबसे ऊपर आ चुका है।
सर्वे में भाजपा को 59 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ तो सपा को 19 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला,वहीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की पार्टी बसपा को मात्र 12% लोगों का ही साथ मिला,जानकारों का कहना है कि बसपा को मिले 12% वोट सिर्फ इसलिए है कि बसपा के मतदाता ज्यादातर पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालने में विश्वास रखते हैं, या यूं कहें कि उनका वोट बैंक ऐसे लोगों में हैं जो अभी भी अत्याधुनिक संसाधनों से कोसों दूर हैं जिस कारण आनलाइन वोटिंग नहीं कर सके। इसलिए यह पार्टी यदि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर भी पहुंच जाएं तो आश्चर्य की बात नहीं।इस सर्वे में कांग्रेस 10% वोटों के साथ चौथे स्थान पर है। सपा और बसपा की परिस्थितियों का लाभ जहां बीजेपी को मिला वहीं भाजपा की टिकट वितरण प्रणाली से नाराज समर्थक बसपा को लाभ देने की सोच रहे हैं क्योंकि वह सपा और कांग्रेस मुक्त सरकार चाहते हैं।
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