लोग इसलिए मीडिया को दलाल कहते हैं साहेब. जरूर पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट

चुनावी सीजन में लगी पक्षपात करने वाली होर्डिंगे




ब्युरो रिपोर्ट कवरेज इण्डिया


आज चाहे सोशल मीडिया हो या फिर आम जनमानस! सभी मीडिया को बिकाऊ कहने लगे हैं।तो क्या ये सच है ? शायद नहीं....पर हां, कुछ मीडिया हाउस ऐसे भी हैं जिन्होंने चाटुकारिता की सारी हदें पार कर दी हैं जिसके कारण आज प्रत्येक व्यक्ति मीडिया को बिकाऊ या भला बुरा कहता रहता है।चुनावी सीजन में लगी ये होर्डिंगें अपने आप में ही बहोत कुछ बोल रही हैंं।इसके बारे में यदि हम कुछ कहेंगें तो छोटा मुंह बड़ी बात वाली कहावत होगी,क्योंकि  "कवरेज इण्डिया" इस मीडिया हाउस के सामने अभी बहोत छोटा है।पर एक बात बिल्कुल साफ व सत्य है कि हम न बिकाऊ थे,न हैं, और ना ही होंगे।


अब आप सब ही बताएं कि क्या इस स्तर पर मीडिया पार्टियों का पक्ष लेगा ? इस तरह के विज्ञापनों की सोच कहाँ से आती है? हद है। क्या विज्ञापन लिखने वाले की हिम्मत है कि वो भाजपा नेताओं के नाम से भी ऐसा लिखकर होर्डिंग लगा दे। क्या आपको नहीं लगता कि इष विज्ञापन से मीडिया का स्तर बौना साबित होगा ?  कायदे इस विज्ञापन के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत करनी चाहिए।चुनावी सीजन में लगी पक्षपात करने वाली होर्डिंगे

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