
नई दिल्ली, विशाल ठाकुर आमिर खान एक ऐसे अभिनेता हैं जिनकी फिल्म एक बंदा भरोसे के साथ देखने जाता है। ये सोच कर की फिल्म में कोई बात जरूर होगी और फैन्स का ये भरोसा उन्होंने 16 साल से बनाया हुआ है। 'धूम 3' को एक अपवाद मान लें तो आमिर की फिल्में मनोरंजन और मेसेज से भरी होती हैं और बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई भी करती हैं।
उनकी नई फिल्म 'दंगल' भी एक ऐसे ही फिल्म है, जिसमें शानदार अभिनय, दिल छू लेने और प्रेरित करने वाली कहानी और थिरकन पैदा करने वाला संगीत हैं, जिसका श्रेय आमिर के साथ-साथ इस फिल्म के निर्देशक और साथी कलाकारों को भी जाता है।
'दंगल' कहानी है हरियाणा के बलाली गांव में रहने वाले पहलवान महावीर सिंग फोगट (आमिर खान) की और उनकी दो बेटियों, गीता (फातिमा शेख) और बबीता (सान्या मल्होत्रा) की। रेस्लिंग में देश के नैशनल चैंपियन रह चुके महावीर को एक ही मलाल है कि वो देश के लिए अंतरराष्ट्रीय रेस्लिंग में गोल्ड मेडल नहीं ला सका। उसकी अपनी कुछ मजबूरियां थीं। इसलिए वो अपनी बेटियों गीता और बबीता को रेस्लर बनाता है। शुरुआत में बहुत परेशानियां आती हैं
गांव वाले उसको संकी-पागल तक कहते है। गीता-बबीता भी रेस्लर बनने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन अपने सख्त मिजाज़ और अनुशासन की वजह से वो एक दिन गीता को रोहतक में लड़कों का एक दंगल लड़ा देता है। गीता, दंगल तो हार जाती है, लेकिन लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहती है। इसके बाद अगले दंगल से गीता और बबीता के दंगल जीतने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो पहले जूनियर लेवल और फिर सीनियर लेवल नैशनल चैंपियन बनने तक जारी रहता है।
अब गीत को अंतरराष्ट्रीय रेस्लिंग मैच के लिए स्पोर्ट्स अकैडमी जाना है, जहां उसकी ट्रेनिंग कोच प्रमोद कदम की देख रेख में होनी है। पिता से दूर होने के बाद गीता की जिंदगी में अनुशासन की कोई जगह नहीं रहती। और उसकी ट्रेनिंग प्रभावित होने लगती है। अपने पिता द्वारा सिखाए गए दांव पेंच वो भूलने लगती है और वो लगातार कई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप हार जाती है। जब बबीता भी इसी ट्रेनिंग अकैडमी में आती है तो गीता को अपनी गलती का अहसास होता है। दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए महावीर गीता को चोरी छुपे ट्रेनिंग देता है, जिसके बारे में कदम को पता चल जाता है। गीता-बबीता को अकैडमी से बाहर निकालने तक की नौबत आ जाती है, लेकिन महावीर फिर एक नया दांव खेलता है और अपने तरीके से गीता को ट्रेनिंग देता है।
निर्देशक नितेश तिवारी ने फिल्म को रियलिस्टिक अप्रोच के साथ बनाया है, लेकिन उन्होंने मनोरंजन का लेवल बिल्कुल भी कम नहीं होने दिया है। ये फिल्म प्रेरित करने के साथ-साथ देशभक्ति का जज्बा जगाती है और कठिन परिस्थितियों से लड़ना भी सिखाती है। फिल्म की गति भी बढ़िया है। संगीत सीन की डिमांड के अनुसार हैं। ये आमिर खान की 'चक दे इंडिया' है और शायद अब तक की उनकी सबसे बेहतरीन फिल्म भी।
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