कानपुर देहात. जहां नवयुवक रोजगार पाने की फिराक में तहसीलों के चक्कर काटते फिरते हैं। वहीं लेखपाल उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से बाज नही आ रहे हैं। सरकार ने आये दिन निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों की समस्याओं को देखते हुए जन सुविधा केंद्र एवं लोकवाणी केंद्र जैसी व्यवस्था लागू कराई। ताकि लोगों को बार-बार तहसीलों के चक्कर न काटने पड़ें और समय से काम हो जाए। जिससे कोई समय के अभाव में रोजगार या अन्य कार्याे से वंचित न रहे। जन सेवा केंद्रो से आनलाइन आवेदन करने के बाद सम्बंधित लेखपाल उस दस्तावेज की जांच कर प्रमाणित करता है। जिसके बाद उपजिलाधिकारी के हस्ताक्षर होते ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।
अक्षय पुत्र रामगोपाल के नाम से प्रमाण पत्र अकबरपुर और सिकन्दरा तहसील के हाल बेहाल दिख रहे है। जहां अभी कुछ समय पहले डेरापुर के बढौली जन सुविधा केंद्र से प्रतीक पुत्र मुलायम के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जिसमें शिकायत होने के बाद उसकी जांच अभी चल रही थी कि अब फिर से अक्षय पुत्र रामगोपाल निवासी जैनपुर सिकन्दरा, कानपुर देहात पते से एक निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। जिससे तहसील कर्मियों और लोकवाणी केंद्रों की अनदेखी सामने आ रही है। प्रमाणपत्र बनवाने में जांच के दौरान लेखपाल की अहम भूमिका होती है, लेकिन यहां तो लेखपाल ने मुलायम का आधा परिवार जिले में बसा दिया है।
लेखपाल कर रहे युवको के साथ खिलवाड़ जिले की सिकन्दरा तहसील स्थित लोकवाणी केंद्र से बीते 29 अक्टूबर को एक युवक द्वारा मूल निवास प्रमाण पत्र के लिये आनलाइन आवेदन किया गया था। जिसकी आवेदन संख्या 16330020083117 है। जिस पर आवेदक अक्षय पिता का नाम रामगोपाल, माता का नाम फूलन देवी और पता ग्राम जैनपुर तहसील सिकन्दरा कानपुर देहात है। जिसकी शिकायत करने पर मामला उजागर हुआ। जिससे तहसील कर्मचारियों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है।
प्रतीक पुत्र मुलायम के नाम से भी जारी हुआ था प्रमाणपत्र बताते चलें कि लेखपालों की लापरवाही का आलम ये है कि अभी कुछ समय पूर्व ऐसा ही एक मामला अकबरपुर तहसील का सामने आया था। जिसमें डेरापुर के बढौली स्थित जन सुविधा केंद्र से एक आवेदन में प्रतीक, पिता का नाम मुलायम, माता का नाम साधना, पता ग्राम बारा तहसील अकबरपुर के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जिस पर शिकायत करने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर प्रमाण पत्र निरस्त कर उसकी जांच कराई गयी। जिसकी जांच अभी पूर्ण नहीं हो पाई थी कि फिर से एक और मामला आने से तहसील कर्मचारियों मे हड़कंप मचा हुआ है। वहीं उच्चाधिकारी भी सकते में आ गये है।
आवेदन की क्या है प्रक्रिया?निवास, जाति या आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिये सबसे पहले आवेदक को लोकवाणी केंद्र या जन सुविधा केंद्र पर जाकर सभी डिटेल भरकर आनलाइन आवेदन करना होता है। जिसके बाद सम्बंधित लेखपाल उस दस्तावेज की जांच करके प्रमाणपत्र जारी करने की संस्तुति देता है। फिर वह दस्तावेज तहसील के एसडीएम द्वारा मुहर व हस्ताक्षरित होने के बाद उस आवेदक के नाम जारी किया जाता है। इन प्रमाणपत्रों में जांच की मुख्य भूमिका होती है, जिसका किरदार लेखपाल द्वारा निभाया जाता है। उपजिलाधिकारी सिकन्दरा सियाराम मौर्य ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया गया है और जैनपुर गांव के लेखपाल अवधेश व लोकवाणी केंद्र संचालक नरेंद्र को आरोप पत्र दिया गया है।
Source: Patrika
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