जानिए वानप्रस्थ आश्रम के बारे में


कवरेज इण्डिया न्यूज़ डेस्क।
वानप्रस्थ आश्रम – वानप्रस्थ का तात्पर्य वन की ओर प्रस्थान करना है| इस आश्रम में व्यक्ति अपने सांसारिक सुख को त्याग कर वन में कहीं कुटिया बनाकर पवित्र एवं सादा जीवन व्यतीत करता है| इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है, तथा बिना किसी भेदभाव के लोगों के उपकार के लिए कार्य करता है| अपने अनुभव द्वारा प्राप्त ज्ञान एवं शिक्षा का प्रसार करता है| संयमित जीवन व्यतीत करता है यह आश्रम गृहस्थ एवं सन्यास आश्रम के मध्य में स्थिति को व्यक्त करता है| कुछ शास्त्रकार मानते हैं कि व्यक्ति सांसारिक सुख को त्याग कर जनकल्याण का कार्य करता है और संयमित जीवन व्यतीत करते हुए धीरे-धीरे सन्यास आश्रम में जाने की तैयारी करता है|

महत्व –
(1) व्यक्ति जो भी ज्ञान अपने गुरू या अनुभव द्वारा संग्रहित किया रहता है| उसे ब्रह्मचारियों एवं अन्य लोगों में प्रचार प्रसार करता है|
(2) समाज की संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी मैं हस्तांतरण के लिये यह आश्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है|
(3) यह आश्रम समाज के लोगो की उन्नति एवं कल्याण के लिए अत्यंत आवश्यक है|
(4) इस आश्रम में व्यक्ति सांसारिक चिंताओं से मुक्त होकर कार्य करता है|

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