असलियत तो ये है कि दलितों को पता ही नहीं है वह किस लिए भारत बंद में शामिल हैं!

फोटो- ANI

कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क।
पटना: देशभर में दलित समुदाय और विपक्षी दलित नेताओं की ओर से भारत बंद बुलाया गया है। बंद के नाम पर हिंसा, आतंक, उन्माद सरेआम फैलाया जा रहा है, लेकिन आखिर ऐसा किस लिए हो रहा है इसको लेकर दलित समुदाय के प्रदर्शनकारियों से सवाल किया गया तो जवाब ऐसा मिला कि अपना माथा दिवार में मार कर फोड़ लिया जाए।

बतादें कि सोमवार को भारत बंद के दौरान दलितों ने सड़क पर सिर्फ चक्का जाम ही नहीं किया है बल्कि अमर्यादित घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं। बाबा साहेब के नाम पर लाठी, डंडे और हथियारों को लेकर निकले दलित ‘गुंडे’ देशभर में आम जनता और सरकारी संपत्ति को आग लगा रहे हैं। इसी बीच मीडिया और खासकर सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर की जा रही हैं। दलित समुदाय द्वारा बुलाये गये भारत में बंद में शामिल हुए दलितों को पता ही पता ही नहीं कि वह किस लिए प्रदर्शन और हिंसा फैला रहे हैं।

वहीँ कुछ ने जो कहा वह चौंका देने वाला है। दरअसल सोशल नेटवर्किंग साईट ट्विटर के एक वेरीफाईड ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट कर दावा किया गया है कि भारत बंद का असर बिहार के दरभंगा में बुरी तरह से देखा जा है। यहाँ भारत बंद के नाम पर आगजनी, तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति और आम लोगों, महिला बच्चों को भी निशाना बनाया रहा है।

ऐसे में दलित युवाओं से पूछा गया कि वह क्यों यह सब कर रहे हैं, तो उनकी ओर से जवाब दिया गया है कि ‘सरकार हमारा रिज़र्वेशन समाप्त कर रही।’ ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दलितों को कौन गुमराह कर उनसे हिंसा करवा रहा है? एससी के फैसले पर दलितों में किस तरीके से कहानी को बदल कर देश में हाईजेक करने की कोशिश की जा रही है। वहीँ सोमवार को हिंसा आदि के बीच मोदी सरकार ने एससी में पुनर्विचार याचिका डाली है।

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