सोनिया गाँधी का ये काला सच, देखकर यकीन नहीं करेंगे

नई दिल्लीः जब सब कुछ सही था, तो उसे झूठ बोलने की जरुरत क्या थी। उसने हर कदम पर झूठ बोला यहां तक कि जन्म स्थान से लेकर असली नाम तक, हां ये सोनिया गॉधी के बारे में है। बता दें कि सोनिया गॉधी कि शादी पूर्व पीएम राजीव गॉधी से हुई थीं। उनका कहना था कि वो दोनों एक यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे लेकिन वहां सोनिया नाम कि कोई स्टूडेंट थी ही नही यहां तक की उनके असली नाम कि भी कोई स्टूडेंट नही थी। एक रिटार्यड इंडियन पुलिस सर्विस ऑफिसर मलय कृष्ण धर द्वारा लिखी किताब ओपेन सिक्रेट के द्वारा खुलासा हुआ है। बता दें कि मलय कृष्ण धर ने 29 वर्षो तक इंटेलिजेंस ब्यूरो में सेवा दी है।
उन्होने इस किताब में लिखा है कि इंदिरा सरकार के कैबिनेट मंत्री दो दर्जन सांसद केजीबी रूस के जासूस एजेंसी के लिए काम करते थे। केजीबी ने इसके लिए मोटी रकम देता था, मलय कृष्ण धर ने अपनी किताब में कुछ जाने माने तथ्य और पब्लिक सिक्रेटों के बारे में प्रकाशित किया है। इस किताब में सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहां कि सोनिया एक केजीबी द्वारा भेजी गयी जासूस है। वर्ष 1985 में रूसी जासूसी एजेंसी केजीबी द्वारा दो विलियन यूएस डॉलर यानि कि 94 करोड़ राहुल के खाते में जमा किये गये थे जो सोनिया गांधी द्वारा मैनेज किया जाता था। स्विस मैगजीन में यह दर्शाया गया था कि केजीबी से सोनिया गांधी जो भारतीय राजनेता से विवाहित है, उसे इतनी मोटी रकम क्यों दी गयी।
अगर सोनिया गांधी भारत के प्रधानमंत्री बन गयी होती तो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा वैज्ञानिकता और टेक्नोलॉजी सहित हमारी व्यापारिक गतिविधियां रूस,रोम और अन्य मुस्लिम राष्ट्रों के लिए एक खुले किताब हो जाती , इटेलियन माफिया भारतीय बाजार पर अपना दबदबा कायम कर लेता जिसका परिणाम बहुत हि खतरनाक होता, कृष्ण धर द्वारा जुटाये कुछ सबूत रसीयन एजेंट साबित करते है।

जवाहर लाल नेहरु के समय इंदिरा को मोटी रकम मिलती थी, उसके बाद इंदिरा के चहेते राजीव और सोनिया को पाकिस्तानी बैंकों द्वारा रकम दी जाती थी। तत्कालिन पीएम लाल बहादुर शास्त्री के रहस्यमयी मृत्यू रुस पर अंगूली उठाती है,1965 में भारत और पाक युद्ध के बाद शास्त्री जी ने पाक के राष्ट्रपति अयूब खान से ताशकंद में मुलाकात की और नो वॉर समझौते पर हस्ताक्षर किये ,जिसमें लिखा था अब कोई युद्ध नहीं होगा, लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि उनके अगले हि दिन रहस्यमयी मृत्यू हो गयी और इससे जुड़े सारे सबूत मिटा दिये गये।
संजय गांधी की मृत्यु के जुड़े सबूत भी सोनिया को संदेह के घेरे में खड़ा करते है। संजय गॉधी को केजीबी के कहने पर मारा गया था । ताकि राजीव गांधी भारत के अगले प्रधानमंत्री हो, राजीव गांधी कि मृत्यू श्रीलंका के आतंकी समूह लिट्टे जिसे ईसाई समूह द्वारा वित्तिय सहायता मिलती है द्वारा हुई थी।
राजीव गांधी के मारे जाने के बाद बाहरी जासूसी एजेंसियों ने सोनिया गांधी को बढ़ावा देने के लिए पर्दे के पीछे से काम किया, सोनिया की लीडरशिप के लिए संभावित खतरों को एक-एक कर के दुर्घटनाओं के प्राकृतिक रूप दे कर हटा दिया गया जो कि केजीबी कि विशेषता है
कैथोलिक रविवार को विशेष मानते है और सोनिया के सभी खतरों को रविवार को हि खत्म कर दिया गया ,राजेश पायलट कि रोड एक्सिडेंट, जितेन्द्र प्रसाद को ब्रेन हैमरेज से मारे गये, माधव रविवार को प्लेन क्रेस में और कमल नाथ कांग्रेस के बड़े नेता थे वो भी प्लेन क्रेस में बाल-बाल बचे थे,ये तमाम बाते है जो सोनिया गांधी को सवालों के घेरे में खड़ा करती है।

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