उत्तर मध्य रेलवे करेगा इलाहाबाद, मथुरा एवं झांसी रेलवे स्टेशनो का पुनर्विकास

महाप्रबंधक, उत्‍तर मध्‍य रेलवे श्री एम.सी. चौहान 

कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क इलाहाबाद।
उत्तर मध्य रेलवे अपने तीन अति महत्वपूर्ण स्टेशनों इलाहाबाद, मथुरा एवं झांसी को पुनर्विकसित करते हुये नये स्तर तक उच्चीकृत किया जायेगा | रेलवे बोर्ड से प्राप्त निर्देशों के क्रम मे भारतीय रेल के 70 स्टेशनो को पुनर्विकसित किया जाना है | ये स्टेशन “भारतीय रेल स्टेशन विकास प्राधिकारण” द्वारा पुनर्विकसित किये जाने वाले पूर्व घोषित 600 स्टेशनो के अतिरिक्त हैं और इनको अपने क्षेत्राधिकार के अनुरूप संबंधित क्षेत्रीय रेलों द्वारा विकसित किया जायेगा | क्षेत्रीय रेलवे स्तर पर विकसित किये जाने वाले 70 स्टेशनों में, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा इलाहाबाद, मथुरा एवं झांसी स्टेशन को स्टेशनो को पुनर्विकसित किया जायेगा| पुनर्विकास के कार्य को 20 मुख्य बिंदुओं को ध्‍यान में रखते हुये किया जायेगा,जो कि निम्नवत है:

1.     स्टेशन भवन के फसाड (इमारत का मुहार) में सुधार।

2.     यातायात के आवागमन के अनुकूल बनाने के दृष्टिगत सर्कुलेटिंग एरिया में सुधार।

3.     ग्रेनाइट (फ्लेम बर्न्ट) और वैक्यूम डिवाटर्ड कंक्रीट से प्लेटफार्म की सतह में सुधार।

4.     आवश्यकता के अनुरूप एवं बेहतर स्वच्छता हेतु वाशेबुल एप्रन का निर्माण।

5.     कूड़े को व्यवस्थित तरीके से एकत्रित करना एवं उसका निस्तारण करना।

6.     माड्यूलर वाटर कियोस्‍क और वॉटर एटीएमों के प्रावधान के साथ-साथ मौजूदा वेटिंग हॉल, वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम, शौचालयों आदि में सुधार। प्‍लेटफार्म की लम्‍बाई के अनुसार हर समय पीने योग्‍य पानी की उपलब्‍धता सुनिश्चित करना।

7.     एनएसजी1/एनएसजी2 स्‍टेशन पर पेड एक्‍जीक्‍यूटिव लांज (रिफ्रेशमेंट सहित) की सुविधा।

8.     स्‍टेशन अधीक्षक/स्‍टेशन मास्‍टर/उप स्‍टेशन अधीक्षक के कमरों से सुधार।

9.     बुकिंग एरिया एवं आगमन परिक्षेत्र में सुधार।

10.    लिफ्ट एवं स्‍केलेटर के प्रावधान के साथ-साथ पुलों के चौड़ीकरण का प्रावधान।

11.    स्‍टेनलेस स्‍टील की बेंचो का प्रावधान।

12.    मॉड्यूलर कैटेरिंग कियोस्‍कों का प्रावधान।

13.    ट्रेस पासिंग को रोकने एवं नियंत्रण बनाये रखने के दृष्टिगत सीमावर्ती दीवार/बाड़ों का प्रावधान।

14.    सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रकाश व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के लिए एलईडी लाइटों का प्रावधान।

15.    दिव्‍यांगजनों के लिए स्‍पर्श टाइल्‍स, स्‍टेंर्डड मॉड्यूलर संकेत आदि का प्रावधान।

16.    मोबाइल फोनों के लिए चार्जिंग प्‍वाइंट।

17.    एनएसजी1/एनएसजी2 स्‍टेशन पर प्‍लेटफार्म के अनुसार उपलब्‍ध सभी सुविधाओं की स्थिति को दर्शाता स्‍टेशन का मानचित्र।

18.    व्‍हीलचेयर की जानकारी को उपलब्‍ध कराना।

19.    कुछ स्‍टेशनों के पास अपने जिंगल्‍स भी हो जोकि पब्लिक एनाउंसमेंट के बीच में बजाया जाये।

20.    महाप्रबंधक/मण्‍डल रेल प्रबंधक महोदय द्वारा किसी अन्‍य आवश्‍यक आइटम को भी संज्ञान में लिया जा सकता है।

       इस विषय पर बोलते हुए महाप्रबंधक, उत्‍तर मध्‍य रेलवे श्री एम.सी. चौहान ने कहा कि इन स्‍टेशनों के अपग्रेडेशन को तत्‍काल प्रभाव से किया जायेगा और इन चिन्हित स्‍टेशनों पर कार्यो को दिसम्‍बर 2018 तक पूरा किया जायेगा और इनमें बिना किसी अनावश्‍यक निर्माण के परिवर्तन लाने पर बल रहेगा। इसके लिये मण्‍डल रेल प्रबंधक समग्र आर्किटेक्‍चरल योजना के लिए आर्किटेक्‍चरल कनसलटेंट नियुक्‍त करेगें। इसके लिये स्‍थानीय स्‍टेक होल्‍डरों से फीडबैक एवं विचार भी लिये जायेगें। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की विशेष टीम भी मण्‍डल रेल प्रबंधकों के साथ सहयोग हेतु जुड़ेगी। औसतन प्रत्‍येक स्‍टेशन पर प्रस्‍तावित सुधारों के लिये रू. 15 से 20 करोड़ की लागत आयेगी।

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