कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क भदोही।
सीतामढी/ज्ञानपुर। कहते हैं शिक्षा व हौसला हमेशा व्यक्ति को विशेष बनाती है। एक बार फिर से लोगों द्वारा अक्सर दिया जाने वाला यह उदारहण विल्कुल सटीक उतरा है। विज्ञान व शोध के क्षेत्र में कालीन नगरी के नाम से विख्यात भदोही जिले के एक लाल ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल की है जिससे न सिर्फ प्रतिभावान छात्र की चौतरफा प्रसंशा हो रही है अपितु जिले का सिर भी गर्व से ऊंचा हो गया है। होनहार लाल प्रशांत उपाध्याय पुत्र श्री गिरीश उपाध्याय जिले के सुरियावां बाजार से सटे महुआपुर गांव का निवासी है। जिसने औषधि विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करके करोड़ों लोगो को लाभान्वित करने का भगीरथ प्रयास किया। प्रशांत उपाध्याय एवं उनकी टीम ने फार्मेसी के क्षेत्र में कठिन परिश्रम से शोध कर "नैनो स्पर्म वेरीसाइड जेल" बनाया है। इस जेल की खूबी यह है कि यदि स्त्री-पुरूष सम्बन्ध करते समय नैनो स्पर्म वेरीसाइड जेल का इस्तेमाल करें तो न सिर्फ वे एचआईवी से सुरक्षित रहेंगे बल्कि अनचाहे गर्भधारण से भी उन्हें आजादी मिलेगी। यह जेल एचआईवी के संक्रमण तथा शुक्राणुओं के बच्चे पैदा करने की क्षमता को नष्ट करता है। प्रशांत उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी से प्रो वंदना पत्रावले की देखरेख में पीएचडी कर रहे हैं। उनके साथ अमित गिरीश कुमार मिरानी समेत पूरी टीम है जो इस कार्य में सहयोगी हैं। बातचीत में प्रशांत ने बताया कि इस खोज की प्रेरणास्रोत प्रो वंदना पत्रावले हैं व वहीं पूरी टीम को मॉनिटर भी कर रही हैं। श्री उपाध्याय के इस खोज पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने बीते सोमवार को "गांधियन यंग टेक्नोलाजिकल इनोवेशन अवार्ड-२०१८" से सम्मानित किया है। युवाओं द्वारा संचालित तकनीकी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए सृष्टि संस्था के तत्वावधान में गांधीवादी युवा प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तन पुरस्कार 19 मार्च 2018 को आयोजित समारोह (एफओआईएन) के दौरान दिया गया। जो भारत के राष्ट्रपति कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली द्वारा आयोजित किया गया था। श्री उपाध्याय के इस खोज पर राष्ट्रपति महोदय इतना प्रभावित हुए कि अगले दिन मंगलवार को प्रशांत उपाध्याय एवं उनकी टीम को लंच पर बुलाया और लंच के दौरान इस महत्वपूर्ण खोज व शोध पर विस्तृत चर्चा की। प्रशांत उपाध्याय फार्मेसी के क्षेत्र में एमफार्मा की पढाई पूरी कर चुके हैं। दिलीप देश का नाम रोशन करने पर कोइरौना निवासी श्यामधर मिर्जापुरी, करुणाशंकर पांडेय, डॉ महेंद्र मिश्र, विंध्यवासिनी मिश्र, डॉ. अभिषेक पांडेय, ओमप्रकाश मिश्रा आदि ने बधाई दी है।