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फाइल फोटो- शोभना भारतीया |
सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च 2018 को एक ऐतिहासिक आदेश में मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्ज लिमिटेड, नई दिल्ली की चेयरपर्सन व पूर्व कांग्रेस सांसद शोभना भरतिया को सवा लाख रूपए की हर्जाना राशि के भुगतान का आदेश दिया। यह कंपनी देश में दैनिक हिन्दुस्तान नाम के हिन्दी दैनिक का प्रकाशन करती है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे. चेलामेश्वर और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने 16 मार्च 2018 को दोनों पक्षों को सुनने के बाद उपर्युक्त आदेश सुनाया और इस मुकदमे की सुनवाई की अगली तारीक्ष 18 अप्रैल 2018 निर्धारित कर दीं ।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च 2018 को पारित अपने आदेश में लिखा है कि..‘‘कोर्ट अनुभव करता है कि स्पेशल लीव पीटिशन क्रिमिनल 1603/2013, जो अब क्रिमिनल अपील नं. 1216/2017 के नाम से जाना जाता है, में पीटिशनर को अपने वरीय अधिवक्ता की अनुपस्थिति में बहस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थीं, इसलिए कोर्ट रेस्पोन्डेन्ट नं. 02 मन्टू शर्मा को क्षतिपूर्ति के लिए पीटिशनर शोभना भारितया को सवा लाख की हर्जाना राशि के भुगतान का आदेश दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगे लिखा है कि …‘‘ गत 18 जनवरी 2018 को भी न्यायालय में बहस इसलिए स्थगित कर दी गई थीं क्योंकि पीटिशनर शोभना भरतिया के अधिवक्ता न्यायालय में अनुपस्थित थे। रेस्पोन्डेन्ट नं.02 के अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने न्यायालय से प्रार्थना की थीं कि मुकदमे का निबटारा त्वरित होना चाहिए।
न्याय का तकाजा था कि कोर्ट ने पीटिशनर शोभना भरतिया और रेस्पोन्डेन्ट नं. 01 बिहार सरकार को न्यायालय में अपना-अपना पक्ष रखने के लिए 14 मार्च 2018 की अगली सुनवाई तिथि निर्धारित की थीं।
रेस्पोन्डेन्ट नं.02 मन्टू शर्मा की ओर से बहस में हिस्सा ले रहे वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने न्यायालय से बहस में हिस्सा न लेने के लिए पीटिशनर शोभना भरतिया पर बड़ा हर्जाना लगाने और उनका और बिहार सरकार का पक्ष सुन लेने की प्रार्थना कीं।
अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने कोर्ट को सूचित किया कि पीटिशनर इस मुकदमे में सुनवाई से कतरा रही है और रेस्पोन्डेन्ट नं.02 मन्टू शर्मा के अधिवक्ता नई दिल्ली से लगभग दो हजार किलोमीटर दूर बिहार के मुंगेर जिला मुख्यालय से हर तिथि पर सुप्रीम कोर्ट में विगत पांच वर्षों से कोर्ट की काररवाई में हिस्सा लेते आ रहे हैं और सुनवाई लगातार टलती जा रही है ।
सुप्रीम कोर्ट में 16 मार्च 2018 को बहस के दौरान पीटिशनर शोभना भरतिया की ओर से विद्वान वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, रंजीत कुमार, सिद्धार्थ लुथरा, आर एन करंजावाला, संदीप कपूर, देवमल्य बनर्जी, विवेक सूरी, एएस अमन, वीर इन्दरपाल सिंह संधु, मनीष शर्मा, अविरल कपूर, करण सेठ, आई खालिद, माणिक करंजावाला, कार्तिक भटनागर, रेस्पोन्डेन्ट नं.01 बिहार सरकार की ओर से विद्वान अधिवक्ता ईसी विद्यासागर और मनीष कुमार और रेस्पोन्डेन्ट नं.02 मन्टू शर्मा की ओर से विद्वान वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद, शकील अहमद, प्रत्युष प्रातीक, उत्कर्ष पांडेय और राज किशोर चैधरी। एओ आर ने भाग लिया।
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