बुलंदशहर के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर , प्रशासन मौन

प्रतीकात्मक तस्वीर

कवरेज इण्डिया बुलंदशहर, प्रदीप पण्डित।
जहां स्वच्छ रहें स्वस्थ रहें को लेकर केंद्र और राज्य सरकार स्वच्छता अभियान चला रही हैं तो वहीं बुलन्दशहर के काली नदी के पास बसे लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं, लेकिन इस और ना तो प्रशासन का ही कोई ध्यान है और ना ही एनजीटी का।
      नल से निकलने वाले पानी इस क़दर दूषित हो चुका है कि अगर थोड़ी देर इस पानी को बर्तन में रखा जाए तो, आप इस पानी का कलर तक नहीं पहचान पाएंगे, ये हाल किसी एक नल के पानी का नहीं बल्कि बुलन्दशहर काली नदी के पास बसी बस्ती के घरों की अमूमन नलों से ऐसा ही पानी निकल रहा है, और यहां रहने वाले लोग प्रदूषित पानी को पीने को मजबूर हैं और कर भी क्या सकते हैं इसके अलावा इन लोगों के पास कोई चारा जो नहीं है।

ये पानी इन परिवारों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है लेकिन इस ओर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कोई ध्यान नहीं अब सवाल है कि क्या बुलन्दशहर ज़िला प्रशासन यहां बसे लोगों को नज़र अंदाज़ कर रहा है या फिर वो किसी हादसे का इंतज़ार कर रहा है।
      हालांकि बुलन्दशहर प्रशानिक अधिकारी बस्ती का निरीक्षण कराकर कॉलोनी का पानी किस वजह से प्रदूषित हो रहा है इसकी जांच कराने का दावा कर रहे हैं  लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर जब इस बस्ती का पानी इस कदर दूषित हो चुका है तो फिर ज़िला प्रशासन इससे अब तक अनजान कैसे था ?

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