‘1991 में ही बन गया होता राम मंदिर लेकिन कांग्रेस ने…’


नई दिल्‍ली: एनसीपी नेता शरद पवार ने अयोध्या मामले में बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि इस मामले का हल 1991 में ही हो गया होता. उन्होंने कहा कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान तभी निकल गया होता अगर तत्कालीन चंद्रशेखर सरकार न गिर गई होती.

उन्‍होंने कहा कि हम लोग समाधान की कोशिशों में लगे थे लेकिन 1991 में कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया. नतीजतन चंद्रशेखर सरकार गिर गई और बात खत्म हो गई.

शरद पवार अपनी आत्‍मकथा ”On My Terms:From the Grassroots to the corridors of Power” में भी इसका जिक्र कर चुके हैं. 1990 में चंद्रशेखर प्रधानमंत्री थे. उसके तत्‍काल बाद उन्‍होंने इस दिशा में काम शुरू किए. शरद पवार और राजस्‍थान के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री भैरों सिंह शेखावत को मिलाकर एक अनौपचारिक कमेटी का गठन किया.

शरद ने कहा वे लोग विवादित स्‍थल पर मेमोरियल बनाने को लेकर सहमत थे. इसके बाद मंदिर और मस्जिद के लिए अलग से जमीन देनी थी. इसलिए विवादित स्‍थल को छोड़कर 60-65 प्रतिशत जमीन पर मंदिर और बाकी 35-40 प्रतिशत पर मस्जिद के निर्माण का फॉर्मूला दिया गया. लेकिन इससे पहले की बात आगे बढ़ती, उसी बीच कांग्रेस ने चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस खींच लिया.

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