...यहां तो गरीबों की भूमि पर हो रहा है अवैध कब्जा, प्रशासन मौन


- पीड़ित लगा रहा तहसील का चक्कर

भदोही। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भूमाफियाओं पर कार्रवाई के लिए भले ही अफसरों को निर्देश पर निर्देश दे रहे हैं, लेकिन भदोही जिले की ज्ञानपुर तहसील की दास्तां सबसे अलग है। सदर तहसील के नाम से विख्यात इस तहसील में अंधेर नगरी, धमधूसर राजा की कहावत चरितार्थ हो रही है। इस तहसील के अधिकारी कर्मचारी अपनी ही रिपोर्ट को लुआठ (अंगूठा) तक दिखाने लगते है। किसी की भूमि पर अवैध कब्जा करा देना इनके लिए आम बात है। ऐसा ही एक मामला कोनिया सर्किल के कोईरौना थाना इलाके का सामने आया है जहां तहसील प्रशासन की धृतराष्टता भरी कार्यशैली ने पूरे तहसील प्रशासन को ही कटघरे के दायरे में ला दिया है। बात जब साक्ष्य के साथ अफसरों तक पहुंची तो वह भी दांतों तलें अंगुली दबाते नजर आए। तहसील के अधिकारियों ने खतौनी में नाम होने के बाद भी आंख मूंद कर यह रिपोर्ट दे दी कि  फरियादी की भूमि ही नहीं है।  बहरहाल, योगी सरकार और उनके तमाम नुमाइंदों को एक गरीब के साथ होती ज्यादती नहीं दिख रही है।


यह है पूरा मामला
भदोही जिले के कोइरौना थाना क्षेत्र निवासी लालचंद पुत्र रामदुलार पाल व उनकी पत्नी सोना देवी अपने कृषि भूमि पर हो रहे कब्जे की शिकायत लेकर तहसील और जिला प्रशासन के चक्कर करीब डेढ़ माह से लगा रहे हैं, लेकिन राजस्व विभाग इस तरह हीलाहवाली और लीपापोती कर रहा है जैसे अतिक्रमणकारी पर उनकी गुप्त सहमति हो। मामला भावापुर गांव का है। इस गांव की खतौनी में खाता संख्या 272 की गाटा संख्या 61 व 73 ऊसर भूमि का कुछ हिस्सा कई वर्ष पूर्व लालचंद पाल व उनकी पत्नी के नाम कृषि कार्य हेतु पट्टा हुआ था। साथ ही पिछले वर्ष उन्होंने कुछ भूमि इसी नम्बर में बैनामा भी कराया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दूसरे राज्य से आया एक दलित जो पिछले दो चार वर्ष से गांव में बस्ती के बीच मड़हा आदि लगाकर बसा था। करीब डेढ़ माह पूर्व वह बस्ती से काफी दूर गाटा संख्या 61 में लालचंद के हिस्से में कब्जा करने लगा। विरोध पर एससीएसटी धारा में फंसाने की धमकी दे रहा है।


मांगी मदद, तो हो गया चालान
पीड़ित लालचंद परेशान होकर डीएम समेत तहसील प्रशासन का दरवाजा खटखटाना शुरू किया। डीएम के आदेश के बावजूद उसे न ही तहसील प्रशासन का सहयोग मिला और न ही पुलिस ने कोई विशेष रुचि दिखाई। बल्कि पीड़ित को अवैध कब्जे की शिकायत पुलिस से करने का खामियाजा शांति भंग में चालान होने के रूप में भुगतना पड़ा।


देखिए तहसील प्रशासन कैसे पीड़ित को खिला रहा खेल, कर रहा अंधेरगर्दी

 शिकायत सन्दर्भ संख्या
40019817001375 में तहसील प्रशासन ने जो आख्या दी वह न सिर्फ सच्चाई से परे है बल्कि आश्चर्य करने वाली भी है। तहसील प्रशासन ने 11 अगस्त को आख्या देते हुए कहा कि ग्रामसभा भावापुर की आराजी संख्या 61 के बावत खतौनी में कुल 18 खाता है। उक्त आराजी में आवेदक लालचंद की कोई भूमि नही है तथा प्रार्थना पत्र निराधार है, जबकि ताजा उध्दरण खतौनी से यह साफ सिद्ध होता दिख रहा है कि खाता संख्या 272 के आराजी नम्बर 61 में कुल 18 खाते हैं और उसी में पीड़ित लालचंद व उसकी पत्नी सोना देवी को भूमिधर घोषित किया गया है। इसी लचर रैवये और सरपरस्ती का फायदा उठाकर अतिक्रमणकारी लगातार पीड़ित के भूमि में कब्जा करता चला जा रहा है। गलत आख्या लगाने की रिपोर्ट पीड़ित ने जिलाधिकारी से भी की पर समस्या जस की तस बनी रही। पीड़ित तथा पीड़िता ने दो दिन पूर्व शासन से शिकायत कर तहसील प्रशासन पर गलत आख्या देने का आरोप लगाते हुए जांच कराकर प्रभावी कार्रवाई करने तथा भूमि से अवैध कब्जा हटवाकर न्याय दिलाने की मांग की है।

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