रिपोर्टर- बाल गोविन्द वर्मा। सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी।
मामला तहसील क्षेत्र सिरौलीगौसपुर के एक गाँव के गरीब व्यक्ति के जवान बेटे भीम कुमार की मौत के बाद सरकार द्वारा आर्थिक तौर पर सरकारी सहायता पाने की चाह में दर- भटक रहे बुजुर्ग पिता की लाचारी व बेबसी से जुड़ा हुआ है।
तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत हमीदनगर के ग्राम इसात नगर, बाराबंकी निवासी बुजुर्ग गुरुप्रसाद पुत्र सहदेव के जवान बेटे भीम कुमार की मौत 30-08-2015 को अचानक हो गई थी। जिसके बाद बुजुर्ग गुरुप्रसाद अपने बेटे की मौत के उपरांत मिलने वाली पारिवारिक सहायता राशि पाने की चाह में ब्लॉक से लेकर तहसील व समाज कल्याण विभाग बाराबंकी के सैकड़ों चक्कर काट चुका है, जबकि इस पारिवारिक सहायता राशि को प्राप्त करने के लिए जो भी आवश्यक प्रपत्र चाहिए वह सभी प्रपत्र यह बुजुर्ग पिता बनवाकर संबंधित के पास पहले ही जमा कर चुका है।
आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के साथ ही परिवार रजिस्टर नकल, आधार, बैंक पासबुक व नोटरी तक इस गरीब बुजुर्ग द्वारा जमा की जा चुकी है। आज दो साल बीतने को है, लेकिन अभी तक इस गरीब को यह नही पता कि भला उसके बेटे की मौत के बाद मिलने वाली पारिवारिक सहायता राशि मिलेगी भी या नही। बस यह गरीब अभी भी आशा लगाए बैठा है कि शायद सरकार बदली है, तो हमारे भी दिन बदल जाएं। शायद हमारी इस गरीबी में थोड़ी सी मदद के तौर पर मिलने वाली पारिवारिक सहायता राशि मिल जाये, जिससे हमारे परिवार के भी अच्छे दिन आ जायें।
