रक्षक से भक्षक बनी बाराबंकी रामनगर पुलिस


एस.एस तिवारी। 
थाना रामनगर के ग्राम सिहामऊ में सुंदर लाल दिक्सित के घर तकरीबन रात 11 बजे गांव के ही कुछ दबंग घर का दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस गए गोला बारी की फिर लूट पात करके फरार हो गए । पीड़ित ने फौरन 100 नम्बर पर कॉल करके घटना की सूचना पुलिस को दी पुलिस सुबह थाने आने को कह कर चली गयी ।

तफशीस में पता चला कि घटना को अंजाम देने वाले कोई और नहीं गांव के ही संतोष दीक्षित ( प्रधान प्रतिनिधि ) एवं दिलेराम यादव ( कोटेदार ) व उनके अन्य साथी जिन्होंने कुछ माह पूर्व पीड़ित के बड़े पुत्र सुधीर दिक्सित उर्फ ( रिंकू ) की हत्या कर लाश गांव से तकरीबन 50 किलोमीटर  दूर घाघरा नदी में फेंक दिया था, जिसके लिये धारा 302 में हाई कोर्ट से जमानत पर अभी दो दिन पहले ही रिहा होकर आए है , और जबसे आये है पीड़ित परिवार को धमकाते है और जान से मारने की धमकी देते है , उस हत्या के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे उस परिवार को गांव छोड़कर भाग जाने पर मजबूर किया जा रहा है जहाँ पुलिस प्रशाशन से थाने में तहरीर दिए जाने पर मदद के नाम पर पीड़ित परिवार गाली गलौज से स्वागत कर भगा दिया गया ।

पुलिस का ऐसा रवैया कोई पहली बार नही हुआ है जगजाहिर है पुलिस की वफादारी दबंगो के साथ !! लेकिन क्या ये उचित है ?? एक गरीब ,दुखी और पीड़ित व्यक्ति किस से शिकायत करे ..?? अब  अगर कोई घटना घटती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा..?

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