Exclusive: माँ के अंतिम संस्कार के लिए बच्चों को मांगनी पड़ी भीख


सुधीर गुप्ता, कवरेज इंडिया शाहजहाँपुर।
शाहजहांपुर(जलालाबाद)। चुनाव के समय तमाम राजनीतिक लोग जनता के बीच जाकर बड़ी  बड़ी बातें करने बालों के साथ प्रशासनिक अमला को छोटे छोटे बच्चों की चीत्कार सुनाई नही पड़ी। इसके साथ ही समाज सेवा के नाम का ढोंग रचने बाले तमाम समाज सेवी संगठन भी बेखबर रहे। और समाज सेवा के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने बाले भी उन मासूम बच्चों की मदद में आगे आना मुनासिब नही समझा।

आपको ज्ञात हो कि बीते दिवस ग्राम उबरिया में भट्टा के पास झोपड़ी डाल कर रह रही महिला की साँप के काटने से मौत हो गयी। महिला का पति 5 साल पहले साली को लेकर भाग गया था। महिला के पांच छोटे छोटे बच्चे है। महिला की मौत के बाद बच्चे अनाथ हो गए। अब बच्चों के सिर से माँ का भी साया उठ गया। मीरा खेतों में मजदूरी करके अपने पांच छोटे-छोटे बच्चों का पेट पालन पोषण करती थी। मीरा का पति पांच साल पहले साली को लेकर फरार हो गया।

उसके बाद बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी मीरा पर आ गई थी। मीरा अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा भी रही थी। वो मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पाल रही थी। रविवार की शाम महिला जिस झोपड़ी में रहती है। उसमें एक दीवार उठा रही थी। ताकि झोपड़ी के अंदर का कुछ दिखाई न दें।

महिला के पास कुछ पुरानी ईटें रखी थी। जिसको वो हटाकर दीवार उठा रही थी। जैसे ही महिला ने ईंट हटाई छिपे बैठे सांप ने महिला को डस लिया। बच्चों ने बताया कि जब मां को सांप ने काटा था। तब उसने बताया था कि किसी कीड़े ने काट लिया है। उसके बाद वो डॉक्टर के पास दिखाने गई। दवा लेकर जब महिला घर लौटी तो वो बेहोश हो गई। उसके बाद बच्चों ने रोना शुरू किया तो आसपास के रहने वाले लोग आए।

जिसके बाद 108 नंबर पर फोन किया गया। एंबुलेंस से महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया था।

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