इलाहाबाद. नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने रविवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150th एनिवर्सरी प्रोग्राम में शिरकत की। प्रोग्राम में डिप्टी सीएम केशव मौर्या, चीफ जस्टिस जीएस खेहर और यूपी के गवर्नर राम नाइक भी शामिल हुए। न्यायपालिका की भूमिका अहम...
- योगी ने कहा, "कानून शासकों का भी शासक होता है। उससे ऊपर कोई नहीं है।"
- "न्यायपालिका की भूमिका अहम है। न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों का अलग होना जरूरी है।"
- "न्याय, न्याय प्रक्रिया पर चिंतन हमारा मार्गदर्शन करने में सक्षम है। हमेशा से न्यायपालिका, विधायिका एक-दूसरे के पूरक रहे हैं।"
- "ये गौरव का विषय है कि मनीषियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमेशा मार्गदर्शन किया है।"
- "माननीय न्यायपालिका ने ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए जिन्होंने देश की दिशा बदली।"
- "इलाहाबाद हाईकोर्ट में 9 लाख मामले हैं। जब कोर्ट की स्थापना हुई थी तो 6 जज थे। अब यहां 160 जज हैं।"
साथ में लंच करेंगे मोदी-योगी
- आदित्यनाथ ने बमरौली एयरपोर्ट पर मोदी को रिसीव किया। इसके बाद वो सीधे हाईकोर्ट में ऑर्गनाइज समारोह में हिस्सा लेंगे।
- इससे पहले प्रोग्राम स्थल पर शॉर्टसर्किट हुआ था, जिसमें काबू पा लिया गया।
- मोदी और योगी 12.30 बजे कार्यक्रम से वापस बमरौली एयरपोर्ट आएंगे और वहीं पर लंच करने के बाद वापस चले जाएंगे।
ड्रोन कैमरों से रखी जाएगी नजर
- प्रोग्राम की सिक्युरिटी के लिए एसपीजी कई दिनों से इलाहाबाद में है। एयरपोर्ट से लेकर समारोह स्थल तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल हैं।
- हाईकोर्ट के आसपास की बिल्डिंग को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। इलाहबाद एसएसपी शलभ माथुर के मुताबिक, ड्रोन कैमरों से भी हाईकोर्ट के आसपास नजर रखी जा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास
- इलाहाबाद हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना हाईकोर्ट है। इसकी स्थापना 17 मार्च 1866 में हुई थी। सर वॉल्टर मॉर्गन इलाहाबाद हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस थे।
- उस वक्त सिर्फ 6 जज ही थे, लेकिन अब यहां जजों के 160 पद हैं। इसके अलावा करीब 17 हजार वकील हाईकोर्ट से जुड़े हुए हैं, लेकिन उस वक्त महज दर्जन भर ही वकील थे।
- ये देश का पहला हाईकोर्ट है, जिसके पास अपना म्यूजियम और आर्काइव गैलरी है।
- लखनऊ में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच है। स्थापना के वक्त हाईकोर्ट आगरा में था।
Source:Bhaskar.com
Tags:
allahabad
