उत्तर-प्रदेश में एक बार फिर वोटिंग के लिए तैयार हो जाएं मतदाता



बरेली। विधानसभा चुनाव के बाद अब राजनैतिक दलों की नजर निगम के चुनाव पर है। मौजूदा समय में बरेली नगर निगम में समाजवादी पार्टी के मेयर हैं और मोदी लहर के सहारे बीजेपी इस सीट को भी अपनी झोली में डालने की कोशिश करेगी तो समाजवादी पार्टी प्रदेश की एक मात्र सीट को बचाने की कोशिश करेगी। निगम के चुनाव के लिए दावेदारों ने गणित लगाना भी शुरू कर दिया है।

सपा का है कब्जा
मौजूदा समय में बरेली नगर निगम पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। सपा के डाक्टर आईएस तोमर ने पिछले चुनाव में बीजेपी के गुलशन आनन्द को हराकर मेयर की सीट पर कब्जा जमाया था। डाक्टर तोमर 2012 में दूसरी बार बरेली के मेयर बने। पिछले चुनाव में सपा को बरेली में ही जीत प्राप्त हुई थी जिसके कारण इस बार समाजवादी पार्टी अपनी इस सीट को बचाने के लिए पूरा जोर लगाएगी तो बीजेपी की निगाह भी इस सीट पर है।

क्लीन स्वीप के मूड में बीजेपी
बरेली में मौजूदा समय में बीजेपी के दो सांसद होने के साथ ही सभी नौ विधानसभा सीट पर भी बीजेपी का कब्जा है और अब मेयर की सीट को जीत कर बीजेपी बरेली में क्लीन स्वीप के मूड में है। इसके लिए मेयर पद के दावेदारों ने गणित लगाना भी शुरू कर दिया है। बीजेपी बाकरगंज के डंपिंग ग्राउंड के साथ ही ड्रेनेज सिस्टम और पेयजल आपूर्ति को मुद्दा बनाएगी।

नए परिसीमन में हो सकता है चुनाव
नगर निगम क्षेत्र में और वार्ड जोड़ने का प्रस्ताव शासन में गया हुआ है। शासन से इसकी मंजूरी मिल जाती है तो इसमें कुछ और वार्ड जुड़ जाएंगे जिसके बाद नए परीसीमन के तहत चुनाव हो सकता है। बार मेयर की सीट के आरक्षित होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।

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