जौनपुर/इलाहाबाद:. विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के बाद भाजपा, सपा एवं अन्य दलों में बगावत की आग बुझ नहीं रही है। टिकट न मिलने से नाराज कई नेता जहां पाला बदल कर दूसरे दलों से चुनाव मैदान में कूद चुके है। जौनपुर की नौ विधानसभा क्षेत्रों में सात पर सपा का कब्जा है। जबकि एक-एक सीट कांग्रेस एवं भाजपा के पास है। इस बार के चुनाव में टिकट का जोर भाजपा में सबसे अधिक था।
हाल ही में शाहगंज एवं मंडियाहूं अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ कर भाजपा ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। घोषणा होते ही बदलापुर क्षेत्र से मृगेंद्र सिंह शिव बाबा ने भाजपा छोड़कर रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली।
उधर, मुंगराबादशाहपुर से भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर तरहटी निवासी सुशील मिश्रा भाजपा छोड़ अपना दल कृष्णा गुट में चले गए और चुनाव मैदान में कूद गए हैं। केराकत से भाजपा से पिछला चुनाव लड़े अशोक सोनकर लखनऊ में डेरा जमाए हैं।
शाहगंज में भाजपा से पिछला चुनाव लड़े ओम प्रकाश जायसवाल भी सीट समझौता में चले जाने से खफा हैं। जफराबाद में भाजपा से टिकट मांग रहे विक्रम प्रताप सिंह चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। उनका कहना है कि 1998 से भाजपा से जुड़े होने, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल के चुनाव में कार्य करने के बावजूद भी उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया।
समाजवादी पार्टी में करीब एक वर्ष पहले सदर विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किए गए जावेद सिद्दीकी पूरे विधानसभा क्षेत्र का चक्कर लगा चुके हैं। कांग्रेस सपा समझौते में सदर कांग्रेस के खाते में जाने के बाद उनमें नाराजगी है।
शाहगंज में भासपा का प्रत्याशी गैर जिले के व्यक्ति को बनाने पर स्थानीय कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का पुतला दहन कर गुस्से का इजहार कर चुके हैं। कुल मिलाकर बगावत की आग सभी दलों में जल चुकी है। जो ठंडा होने का नाम नहीं ले रही है।
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