'पद्मावती का अलाउद्दीन खिलजी से प्रेम बर्दाश्त नहीं'




फोटो- राजपूत करणी सेना के साथ लोकेंद्र माल्वी


बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने खुद पर हुए हमले के बाद जयपुर में अपनी फिल्म 'पद्मावती' की शूटिंग रोक दी है. इस बीच 'राजपूत करणी सेना' के लोकेंद्र काल्वी ने कहा है कि 'सपने में पद्मावती का अलाउद्दीन खिलजी से प्यार' उन्हें स्वीकार नहीं.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने आमेर पुलिस के हवाले से रिपोर्ट दी है कि जयगढ़ किले में 'पद्मावती' की शूटिंग रोक दी गई है और भंसाली और उनकी टीम ने वो जगह खाली कर दी है.
इससे पहले 'पद्मावती' की शूटिंग के दौरान भंसाली और उनकी टीम पर 'राजपूत करणी सेना' के लोगों ने कथित तौर पर हमला कर दिया था. संजय लीला भंसाली को थप्पड़ मारे गए, उनके बाल खींचे गए.


भंसाली की फिल्म में रणवीर खिलजी की भूमिका निभा रहे हैं
'राजपूत करणी सेना' का आरोप है कि फ़िल्म में रानी पद्मावती को लेकर तथ्यों को तोड़मरोड़कर पेश किया गया है.
राजपूत करणी सेना के संस्थापक और संरक्षक लोकेन्द्र काल्वी ने बीबीसी की सहयोगी पत्रकार हरिता कांडपाल से कहा, "बहुत छोटा-सा मामला था. हमने कोशिश की अपना विरोध जताने की. कोर्ट के मार्फत, सूचना प्रसारण मंत्रालय के मार्फत. किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था में जो भी माध्यम होते हैं, हमने उसके मार्फत कोशिश की."


उनका कहना था, "इस फिल्म की घोषणा के वक्त रणवीर सिंह ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा था कि मैं दीपिका के साथ अंतरंग दृश्य की वजह से विलेन का रोल प्ले कर रहा हूं. उसी बात पर हमने कोशिश की. भंसाली से पत्र व्यवहार किया. उनसे मिलने के लिए मुंबई गए, लेकिन उनकी ओर से ठीक से कोई जवाब आ नहीं रहा था."


फिल्म को लेकर अपने विरोध पर लोकेंद्र काल्वी ने कहा, "राजस्थान की धरती का इतिहास राजपूतों का इतिहास है. एक महिला जिसने बहुत बहादुरी दिखाई और अपने आप को 16 हजार रानियों के साथ खुद को जला लिया ये सोचकर कि कोई भी बाहरी विदेशी आक्रांता जीतने के बाद उनके शरीर को न छू पाए. उस चीज के लिए उनको सच्ची श्रद्धांजलि ये होनी चाहिए कि हम वो बात दिखाने की कोशिश करें."

उन्होंने आगे कहा, "अगर उन पर कोई फिल्म बनती है तो इससे उनके सम्मान में और बढ़ोतरी होनी चाहिए. ये तो नहीं होना चाहिए कि इतने सालों बाद ये दिखाया जाए कि सपने में पद्मावती का अलाउद्दीन खिलजी से प्रेम है. हमारे एतराज का यही कारण था और उसी के चलते जब हमारे कुछ प्रदेश पदाधिकारी मिलने के लिए गए तो वहां पर गरमागरमी हुई


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