कवरेज इण्डिया के लिए संजय मिश्र
इलाहाबाद: राजनीति में लम्बे समय से दखल रखने वाला करवरिया परिवार एक बार फिर अपनी खोई हुई सियासी ज़मीन वापस पाने की कवायद जुट गया गया है। सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड में जेल में बंद पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की पत्नी नीलम करवरिया मेजा विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रबल दावेदार मानी जा रहीं है और ऐसा माना जा रहा कि इसके तहत नीलम करवरिया अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को बचाने की कोशिश भी करेगी।
इलाहाबाद शहर के बाहुबली पूर्व विधायक उदयभान करवरिया लगभग दो वर्षो से सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड के आरोप में सेंट्रल जेल में बन्द हैं। उनके साथ आरोपी बनाये गये उनके बड़े भाई पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया और एमएलसी सूरजभान करवरिया भी जेल में बन्द हैं ।
इलाहाबाद: राजनीति में लम्बे समय से दखल रखने वाला करवरिया परिवार एक बार फिर अपनी खोई हुई सियासी ज़मीन वापस पाने की कवायद जुट गया गया है। सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड में जेल में बंद पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की पत्नी नीलम करवरिया मेजा विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रबल दावेदार मानी जा रहीं है और ऐसा माना जा रहा कि इसके तहत नीलम करवरिया अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को बचाने की कोशिश भी करेगी।
इलाहाबाद शहर के बाहुबली पूर्व विधायक उदयभान करवरिया लगभग दो वर्षो से सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड के आरोप में सेंट्रल जेल में बन्द हैं। उनके साथ आरोपी बनाये गये उनके बड़े भाई पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया और एमएलसी सूरजभान करवरिया भी जेल में बन्द हैं ।
उदयभान करवरिया दस वर्षो तक बारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रहे, 2012 के चुनाव में बारा विधानसभा सीट सुरक्षित होने के कारण उनको सीट छोड़नी पड़ी । बाहुबली विधायक उदयभान करवरिया ने 2012 में शहर उत्तरी से डॉ. भाजपा के पूर्व विधायक डॉ. नरेन्द्र सिंह गौर का टिकट काट भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में आये लेकिन जनता ने उनका साथ नही दिया और उत्तरी की सीट पर दोबारा कांग्रेस के खाते में चली गई । करवरिया परिवार की राजनितिक रूप से यह पहली हार थी ।
2014 लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा उदयभान या उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाने को तैयार थी मगर उसके लिये उनकी जेल से रिहाई की शर्त रखी गई थी। उदयभान को जल्द बेल होने के आसार नहीं दिख रहे थे, तब पार्टी हाईकमान ने पत्नी नीलाम करवरिया को उम्मीदवार बनाने पर मोहर लगा दी थी, लेकिन उस समय परिवार के लोगों ने इसकी इजाजत नहीं दी। उस समय कपिल मून करवरिया बसपा से फूलपुर लोकसभा से सांसद थे । लेकिन इस बार उन्हें भी भारी वोटों से हार का सामना करना पड़ा और ये कुर्सी भी चली गई । लम्बे समय से करवरिया परिवार में कोई राजनीतिक पद नहीं है और जिले में अपनी राजनीतिक और पारिवारिक साख बचाने के लिये एक बार फिर सलाखों के पीछे से करवरिया बंधू मोहरे बिछा रहे है और उदय भान की पत्नी नीलम करवरिया मेजा विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रबल दावेदार मानीं जा रही हैं।
मेजा विधानसभा ब्राहाम्ण बाहुल्य क्षेत्र हैं। मेजा क्षेत्रो के जानकारों की माने तो भाजपा की टिकट पाने की आस लगाये मेजा के अन्य दावेदारों ने उदयभान के नाम पर अपनी अपनी दावेदारी वापस ले ली है। सोमवार को बीजेपी परिवर्तन यात्रा के स्वागत में नीलम करवरिया के साथ हजारों लोग लम्बी गाडियों के काफिले से अपना शक्ति प्रदर्शन कर दावेदारी मजबूत की है। वर्तमान में मेजा से कलेक्टर पाण्डेय समाजवादी पार्टी से विधायक है । करवरिया परिवार ब्राहमण बाहुल्य क्षेत्र होने इस सीट पर अपनी जीत तय मान रहा है । इसके पहले नीलम करवरिया ने कोई भी चुनाव नही लड़ा है और न ही किसी राजनितिक पार्टी की सदस्य थी ।
जवाहर पंडित हत्या काण्ड़ 13 अगस्त 1996 को इलाहाबाद के सिविल लाइंस में तत्कालीन झूंसी विधायक जवाहर पंडित की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी, इस हमले में उनके साथ दो अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी। जानकर बताते हैं कि उस समय इलाहाबाद में पहली बार किसी की हत्या के लिए एके-47 का इस्तेमाल किया गया था। यह भी कहा जाता है कि हत्या के लिए भाड़े के शूटरों केा सुपारी दी गई थी, इसके पीछे बालू खनन शराब के कारोबार और सियासी वर्चस्व होने की बात सामने आई थी। इस मामले में भाजपा के दिग्गज करवरिया परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई, जवाहर पंडित के परिजनों की ओर से कपिल मुनि करवरिया उदयभान करवरिया और सूरजभान करवरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी । करवरिया परिवार का रसूख इतना था कि 20 साल पहले हुए इस हत्याकांड में सालों तक कोई कार्रवाई नही हुई थी ।वर्तमान में फूलपुर से विधायक जवाहर पंडित की पत्नी विजमा यादव ने हार नही मानी और पूरे परिवार को सलाखों के पीछे भेजा ।
करवरिया परिवार की हनक जिले इस कदर थी की कोई भी इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता था। आज करवरिया परिवार से लड़ते लड़ते विजमा ने पुरे कुनबे को सलाखों के पीछे किया और अपनी राजनीतीक विरासत को बचाने के लिये करवरिया परिवार की बहू को बाहर निकलना पड़ा ।
2014 लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा उदयभान या उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाने को तैयार थी मगर उसके लिये उनकी जेल से रिहाई की शर्त रखी गई थी। उदयभान को जल्द बेल होने के आसार नहीं दिख रहे थे, तब पार्टी हाईकमान ने पत्नी नीलाम करवरिया को उम्मीदवार बनाने पर मोहर लगा दी थी, लेकिन उस समय परिवार के लोगों ने इसकी इजाजत नहीं दी। उस समय कपिल मून करवरिया बसपा से फूलपुर लोकसभा से सांसद थे । लेकिन इस बार उन्हें भी भारी वोटों से हार का सामना करना पड़ा और ये कुर्सी भी चली गई । लम्बे समय से करवरिया परिवार में कोई राजनीतिक पद नहीं है और जिले में अपनी राजनीतिक और पारिवारिक साख बचाने के लिये एक बार फिर सलाखों के पीछे से करवरिया बंधू मोहरे बिछा रहे है और उदय भान की पत्नी नीलम करवरिया मेजा विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रबल दावेदार मानीं जा रही हैं।
मेजा विधानसभा ब्राहाम्ण बाहुल्य क्षेत्र हैं। मेजा क्षेत्रो के जानकारों की माने तो भाजपा की टिकट पाने की आस लगाये मेजा के अन्य दावेदारों ने उदयभान के नाम पर अपनी अपनी दावेदारी वापस ले ली है। सोमवार को बीजेपी परिवर्तन यात्रा के स्वागत में नीलम करवरिया के साथ हजारों लोग लम्बी गाडियों के काफिले से अपना शक्ति प्रदर्शन कर दावेदारी मजबूत की है। वर्तमान में मेजा से कलेक्टर पाण्डेय समाजवादी पार्टी से विधायक है । करवरिया परिवार ब्राहमण बाहुल्य क्षेत्र होने इस सीट पर अपनी जीत तय मान रहा है । इसके पहले नीलम करवरिया ने कोई भी चुनाव नही लड़ा है और न ही किसी राजनितिक पार्टी की सदस्य थी ।
जवाहर पंडित हत्या काण्ड़ 13 अगस्त 1996 को इलाहाबाद के सिविल लाइंस में तत्कालीन झूंसी विधायक जवाहर पंडित की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी, इस हमले में उनके साथ दो अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी। जानकर बताते हैं कि उस समय इलाहाबाद में पहली बार किसी की हत्या के लिए एके-47 का इस्तेमाल किया गया था। यह भी कहा जाता है कि हत्या के लिए भाड़े के शूटरों केा सुपारी दी गई थी, इसके पीछे बालू खनन शराब के कारोबार और सियासी वर्चस्व होने की बात सामने आई थी। इस मामले में भाजपा के दिग्गज करवरिया परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई, जवाहर पंडित के परिजनों की ओर से कपिल मुनि करवरिया उदयभान करवरिया और सूरजभान करवरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी । करवरिया परिवार का रसूख इतना था कि 20 साल पहले हुए इस हत्याकांड में सालों तक कोई कार्रवाई नही हुई थी ।वर्तमान में फूलपुर से विधायक जवाहर पंडित की पत्नी विजमा यादव ने हार नही मानी और पूरे परिवार को सलाखों के पीछे भेजा ।
करवरिया परिवार की हनक जिले इस कदर थी की कोई भी इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता था। आज करवरिया परिवार से लड़ते लड़ते विजमा ने पुरे कुनबे को सलाखों के पीछे किया और अपनी राजनीतीक विरासत को बचाने के लिये करवरिया परिवार की बहू को बाहर निकलना पड़ा ।
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