कवरेज इण्डिया के लिए भगवान प्रसाद उपाध्याय की रिपोर्ट
इलाहाबाद: प्रभागीय निदेशक इलाहाबाद मनोज खरे द्वारा,अपने अधीनस्थ सभी 9 रेंजरों एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से अपने कार्य काल के दौरान लूट-खसोट, एवं भ्रष्टाचारी नीतियों के माध्य्म से विगत वर्षों में कमाये गये काले धन को सफ़ेद करवाने में राजकीय कार्यो के विरुद्ध वन कर्मियों से कार्य लिया जा रहा है। इस कार्य हेतु सभी रेंजरों को 500 और 1000 के पुराने दे दिया गया है और कर्मचारियो द्वारा अपने विभिन्न स्रोतों के माध्य्म से नोट बदलवाने में लगे हुए है। बता दे कि इस प्रभाग के सभी रेंजों से करीब 150 कर्मचारियों को 500 एवं 1000 के पुराने नोट रेंजरों के माध्य्म से वन कर्मियों को वितरित कर दिया गया है।नाम न छापने की शर्त पर प्रभाग के एक बाबू ने कवरेज इण्डिया को यह जानकारी दी है कि मनोज खरे का लगभग 10 करोड़ का बंगला गोमतीनगर लखनऊ के साथ ग्रेटर नोएडा, जयपुर और मोहनलाल गंज में 6 बीघे की बेनामी संपत्ति भी है।जिसके बारे में इससे पूर्व में भी इनके काले कारनामों को जोर-सोर से मीडिया एवं सोशल मीडिया द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया जा चुका है।हालांकि इस पूरे प्रकरण में जब मनोज खरे से फोन वार्ता कर पूछा गया तो वे जवाब देने से बचते नजर आए और कहा कि भाई साहब ये सारी बातें पूरी तरह से झूंठी है इनमें कोई सच्चाई नहीं है
इलाहाबाद: प्रभागीय निदेशक इलाहाबाद मनोज खरे द्वारा,अपने अधीनस्थ सभी 9 रेंजरों एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से अपने कार्य काल के दौरान लूट-खसोट, एवं भ्रष्टाचारी नीतियों के माध्य्म से विगत वर्षों में कमाये गये काले धन को सफ़ेद करवाने में राजकीय कार्यो के विरुद्ध वन कर्मियों से कार्य लिया जा रहा है। इस कार्य हेतु सभी रेंजरों को 500 और 1000 के पुराने दे दिया गया है और कर्मचारियो द्वारा अपने विभिन्न स्रोतों के माध्य्म से नोट बदलवाने में लगे हुए है। बता दे कि इस प्रभाग के सभी रेंजों से करीब 150 कर्मचारियों को 500 एवं 1000 के पुराने नोट रेंजरों के माध्य्म से वन कर्मियों को वितरित कर दिया गया है।नाम न छापने की शर्त पर प्रभाग के एक बाबू ने कवरेज इण्डिया को यह जानकारी दी है कि मनोज खरे का लगभग 10 करोड़ का बंगला गोमतीनगर लखनऊ के साथ ग्रेटर नोएडा, जयपुर और मोहनलाल गंज में 6 बीघे की बेनामी संपत्ति भी है।जिसके बारे में इससे पूर्व में भी इनके काले कारनामों को जोर-सोर से मीडिया एवं सोशल मीडिया द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया जा चुका है।हालांकि इस पूरे प्रकरण में जब मनोज खरे से फोन वार्ता कर पूछा गया तो वे जवाब देने से बचते नजर आए और कहा कि भाई साहब ये सारी बातें पूरी तरह से झूंठी है इनमें कोई सच्चाई नहीं है
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