
नोटबंदी का का आज 28 वां दिन है। अब तक देशभर के विभिन्न बैंकों में 9 लाख करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक बंद हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों का 60 प्रतिशत हिस्सा बैंकों में जमा हो चुका है और बाकी भी आने वाले दिनों में बैंकों में जमा हो जाएगा। ऐसे में कई लोग सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए उसे गलत बता रहे हैं। लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने का सरकार का फैसला कारगर साबित नहीं हो रहा है। बैंकरों और विश्लेषकों का मानना है कि 30 दिसबंर तक बंद किए गए नोटों का 90 से 95 प्रतिशत हिस्सा वापस बैंकों में आ जाएगा जिन्हें बाद में लोग निकाल भी सकेंगे और ऐसे में वह पैसा फिर से सफेद हो जाएगा। एक विदेशी संस्थागत निवेशक ने कहा, ‘लगभग दस दिन पहले ही सरकार को पता लग चुका है कि भारी मात्रा में 500 और 1000 रुपए के नोट बैंकों में फिर से जमा करवाए जा रहे हैं। इनकम टैक्स द्वारा बनाई गई स्कीम से ज्यादा संपत्ति वाले लोग सरकार की आंखों में धूल झोंककर अपने पैसे को सफेद करने के तरीके निकाल रहे हैं। ‘हालांकि, सरकार की तरफ से कई नियम और कानून बनाए गए हैं जिनसे बताए गए आय के स्रोतों से ज्यादा की रकम जमा करवाने वाले को पकड़ा जा सकेगा। सरकार ने कई नियमों में बदलाव भी किए हैं। काले धन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में संसोधित इनकम टैक्स बिल पास करवाया गया। नए बिल के जरिए सरकार अघोषित नकदी पर ज्यादा जुर्माना और टैक्स लगाएगी। 30 दिसंबर तक अघोषित पुराने नोटों में नकदी बारे में स्वेच्छा से घोषणा पर 50 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। कर अधिकारियों द्वारा पता लगाने पर अघोषित संपत्ति पर उच्चतम 85 प्रतिशत तक कर लगाया जा सकता है।
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